जब जब तेरे पास मैं आया इक सुकून मिला
जिसे मैं था भूलता आया वो वजूद मिला
जब आए मौसम गम के तुझे याद किया
जब सहमे तन्हापन से तुझे याद किया
दिल संभल जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
ऐसा क्यूँ कर हुआ जानू ना मैं जानू ना
दिल संभल जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
जिस राह पे है घर तेरा अक्सर वहाँ से हाँ मैं हूँ गुज़रा
शायद यही दिल में रहा तू मुझको मिल जाए क्या पता
क्या है यह सिलसिला जानू ना मैं जानू ना
दिल संभल जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
कुछ भी नही जब दरमियाँ फिर क्यूँ है दिल तेरे ही ख्वाब बुनता
चाहा की दे तुझको भुला पर यह भी मुमकिन हो ना सका
क्या है यह मामला जानू ना मैं जानू ना
दिल संभल जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तूदिल संभल जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
जिसे मैं था भूलता आया वो वजूद मिला
जब आए मौसम गम के तुझे याद किया
जब सहमे तन्हापन से तुझे याद किया
दिल संभल जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
ऐसा क्यूँ कर हुआ जानू ना मैं जानू ना
दिल संभल जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
जिस राह पे है घर तेरा अक्सर वहाँ से हाँ मैं हूँ गुज़रा
शायद यही दिल में रहा तू मुझको मिल जाए क्या पता
क्या है यह सिलसिला जानू ना मैं जानू ना
दिल संभल जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
कुछ भी नही जब दरमियाँ फिर क्यूँ है दिल तेरे ही ख्वाब बुनता
चाहा की दे तुझको भुला पर यह भी मुमकिन हो ना सका
क्या है यह मामला जानू ना मैं जानू ना
दिल संभल जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
दिल यहीं रुक जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तूदिल संभल जा ज़रा फिर मोहब्बत करने चला है तू
कोणत्याही टिप्पण्या नाहीत:
टिप्पणी पोस्ट करा