मंगळवार, १८ सप्टेंबर, २०१८

शेरो-शायरी- संग्रहीत

गरीबों का घर लूटने वाले कभी अमीर नहीं होते,
निर्दोष निहत्थों पर वार करने वाले वीर नहीं होते,
जो सदियों से होता आया है मैं तो वही बात कहता हूँ
बुजुर्गों की दुआएँ बटोरने वाले कभी फकीर नही होते......!


इश्क़ ने गालिब निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी थे; काम के...

चलो अच्छा हुआ काम आ गई दिवानगी अपनी
वरना हम जमानेभर को समजाने कहा जाते....
- गालिब

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